आज घर पर बहुत चहल पहल थी, सरला जी और उनकी देवरानी अनुपमा, आंवला नवमी की पूजा की तैयारी कर रही थी , सुबह से ही भोग और भोजन की बनाए जा रहे थे, और पूजा की थाली तैयार की जा रही थी जिसमे दूध, कच्चा सूत, कुमकुम, आदि को तैयार किये जा रहे थे । घर पर सभी अपने अपने कामों में व्यस्त थे। सरला जी के पति अपने खेती के कामों में लगे थे उन्हें इस बार प्याज की रोपाई जो करनी थी। उनका छोटा भाई बाजार से हल्दी लाने गया था।
सरला जी का घर एक छोटे कस्बे में था जिसका नाम रेवा था जो को इंदौर से कुछ दूरी पर स्थित था।
उनका घर सामान्य था लेकिन घर के बाहर सुंदर बगीचा था जिसमे तरह तरह के फूल और पौधे थे, जिसमे नींबू, गुलाब, चमेली, गिलोय आदि पौधे थे।
घर में सरला जी की बेटी तुलसी का उत्साह सबसे ज्यादा था । आज सुबह से ही मां ने ने उसे तैयार कर दिया था । उसके बालों को करीने से गूँथकर दो चोटी बना दी थी । आज इतवार होने से स्कूल की छुट्टी थी, इसलिए अनुष्का को आँवला नवमी पर पूजा को लेकर बहुत उत्साह था । वो पूरे घर में घूम रही थी और अपने सवालों की बौछार हर एक पर कर रही थी। उसे भी मां के साथ पूजा करने के लिए जाना था ।
“ मां मुझे बताओ की आज आंवला की पूजा क्यों करते हैं, बरगद पीपल क्यों नहीं करते हैं? पहले तो हम बरगद की पूजा करने गए थे । ”
“पहले पूजा करके आ जाए फिर मैं बात बताती हूं ” मां ने कहा।
तुलसी खुशी खुशी मां और छोटी मां के साथ पूजा करने चली गई। वहां देखा कई सारी महिलाएं तैयार होकर बढ़िया सी साड़ी पहनकर पूजा करने आई थी । फिर सभी ने आंवला वृक्ष की पूजा की उस पर कच्चा सूत बांधा और दिया लगाया । फिर वहीं सब ने बैठकर खाना खाया और घर आए।
फिर उसके सवाल शुरू हो गए थे कि “ मां आंवला की पूजा क्यों करते हैं ?”
तब मां ने बताना शुरू किया “देख तेरे बाल कितने लंबे और घने हैं , तेरा रंग कितना साफ है और जैसे तेरी सहेली बार-बार बीमार होती है वैसे तू बीमार भी नही होती। इन सब का कारण आंवला ही है ” मां ने मुरब्बे के लिए आंवला काटते हुए कहा।
“इसलिए हम आंवला की पूजा करते हैं” तुलसी ने आश्चर्य से कहा “आंवला इतने सारे काम आता है! आप ये कैसे करते है? “
“ तू क्या करेगी जानकर अभी तू छोटी है” मां ने डपटते हुए कहा।
“ नहीं मुझे तो जानना है आप बताओ” तुलसी भी जिद पर अड़ी थी।
मां ने कहा कि “जो तेल में तेरे बालों में लगाती हूं उसे हम घर पर ही बनाते हैं ।”
” अच्छा! ” तुलसी ने आश्चर्य से पूछा “आप इसे कैसे बनाते है? ” फिर नया प्रश्न तैयार था।
“ इसके लिए पहले आंवला का सूखा पावडर लेते हैं उसमे थोड़ा मेथी दाना, भृंगराज डालकर और सूखे हुए गुड़हल के फुल लेकर सभी को पानी में डालकर उबाल लेते है फिर जब पानी एक चौथाई हो जाए तो छान लेते हैं और फिर उस पानी को नारियल तेल में डाल देते है। “
तुलसी ने पूछा कि “मां आप तेल में एलोवेरा भी डालते हो न। पिछली बार मैं ही तो तोड़ कर लाई थी।”
मां ने प्यार से कहा,“ हाँ एलोवेरा भी डाल सकते है। “
“उसके बाद क्या करते है “, तुलसी ने पूछा ।
“इसके बाद तेल को धीमी आंच पर रखते है।
जब पूरा पानी खत्म हो जाता है तो उसे ठंडा कर बोतल में भरकर रख लेते हैं । उसे ही मैं तुझे और तेरे पापा को रात में सोते समय धीरे धीरे हल्के हाथों से मसाज करती हुं और कभी कभी तुम्हारे नहाने से पहले तेरे बालों में तेल लगाती हूँ।
जिससे तेरे बाल घने मजबूत हो जाते हैं और डेंड्रफ भी नही होता।”
“और आंवला से में बीमार होने से कैसे बच जाती हूं? ” तुलसी का अगला सवाल फिर तैयार था।
मां ने कहा “अभी जो मैं आंवला काट रही हूँ उसका मुरब्बा बनायेंगे जो हम सर्दियों में खाते है उससे तुम बीमार भी नही पड़ोगी।”
“मां बिल्कुल सही कह रही है” , तभी पीछे से बड़ी दीदी सुधा ने तुलसी से कहा।
“अरे सुधा दीदी इंदौर से कब आई” तुलसी ने पूछा?
“में उसी समय आई थी जब तू तेरे सवालों से मां को परेशान कर रही थी।”” प्रमाण मां” सुधा ने सरला जी से कहा।
“आ गई डॉक्टर साहिबा, छुट्टी मिल गई तुझे तेरे अस्पताल से” सरला जी ने कहा
“हाँ मां , इस बार आने में बड़े दिन हो गए, और छुटकी मां बिल्कुल सही कह रही है इंदौर में पॉल्यूशन के कारण हेयर डेमेज बहुत ज्यादा हो जाता है, तो ये बेस्ट हर्बल ऑयल है जो मां बता रही है, इसे नेचरल हेयर ग्रोथ भी हो जाती है, और कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। और टूटते बेजान बालों में नई जान आ जाती है” सुधा ने तुलसी को समझाते हुए कहा।
“अच्छा! ये तो बहुत बड़ी बात है कितना काम का होता है आंवला” तुलसी ने कहा
“ इसीलिए तो हम पूजा करने जाते हैं और इसी कारण हमें आंवला के पेड़ लगाने चाहिए । आंवले की एक खास बात और है यह बहुत ही पवित्र और साफ-सफाई पसंद पौधा है। अगर हम इसके आसपास थोड़ी भी गंदगी कर दें या कोई दुर्गंध युक्त पदार्थ डाल दें तो यह तुरंत ही मुरझाने लगता है। इसी से यह बात सिद्ध हो जाती है कि आंवला बहुत ही शुद्ध व सात्विक गुणों से युक्त होता है ।” सरला जी ने कहा
“मैं भी बड़ी होकर आंवला का तेल बनाऊंगी पर अगर मुझे समय नहीं मिला? , या फिर मैं ऐसी जगह गई जहाँ मुझे ये सब चीजें नही मिली तो फिर।” तुलसी ने घबरा कर कहा।
“तब मैं बाजार से कौनसा हेयर ऑयल लाऊंगी, जो बालों को जड़ से मजबूत करे, और सबसे बेस्ट हो।” तुलसी ने कहा
“अच्छा अच्छा उसका भी इलाज है ” सुधा ने हँसते हुए कहा “ हम बाजार से रिअमेर का प्रो ग्रोथ हेयर ऑयल ला सकते है। जोकि आंवला के साथ ३० अन्य जड़ी बूटियों से मिलकर बना है, साथ ही उसमे बादाम, जैतून और प्याज का तेल भी है और पूरी तरह से आयुर्वेदिक तकनीक और शुद्धता से बना है। जो तेरे वालों को ताकत देगा और झड़ने से रोकेगा, दो मुहे और पतले बेजान बालों को ठीक करेगा। और उन्हें जल्दी सफेद भी नही होने देगा। रिअमेर प्रो ग्रोथ हेयर ऑयल के नियमित उपयोग से नए बाल भी आ सकते है।”
इसे सुनकर तुलसी की खुशी और बढ़ गई।
फिर मां ने तुलसी से वचन लिया कि वो आंवला का पेड़ जरूर लगाएगी और पेडों की रक्षा करेगी।

